मुंबई/ भोपाल। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कोर्ट से साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सात आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग की है।
NIA ने मुंबई के स्पेशल कोर्ट से सभी सात आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि, यानि UAPA की धारा 16 के तहत मौत की सजा देने का अनुरोध किया है। एनआईए की ओर से आखिरी दलील की गई है।
इस केस में साध्वी प्रज्ञा, कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, स्वामी दयानंद पांडे, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी पर आरोप है। आरोप के तहत NIA ने कहा है किउन्होंने हिंदुत्व विचारधारा से जुड़ी एक बड़ी साजिश के तहत बम ब्लास्ट की योजना बनाकर अंजाम दिया था।
NIA की दलील में कहा है कि, साल 2008 में हुए बम ब्लास्ट में छह मुस्लिम मारे गए। 100 से अधिक लोग घायल हुए। डेढ़ हजार से ज्यादा पन्ने की दलील NIA की तरफ से दी गई है। कोर्ट ने अपने फैसला सुरक्षित रखा लिया है। 8 मई को मालेगांव ब्लास्ट पर फैसला आएगा।
इससे पहले NIA ने प्रज्ञा को बरी करने की कोशिश की थी। उस वक्त एजेंसी के पास कोई ठोस सबूत नहीं था। अब एनआईए ने अपना रूख बदल लिया है।
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